:امام هادی علیه السلام
مَن أطاعَ الخالِقَ لَم يُبالِ سَخَطَ المَخلوقِينَ؛
[گزیده تحف العقول، ح265]
इमाम हादी अ.स.
जो अपने खालिक़ की इताअत करता है वह मखलूक के ग़ुस्से की फिक्र नहीं करता।
जो अपने खालिक़ की इताअत करता है वह मखलूक
:امام هادی علیه السلام
مَن أطاعَ الخالِقَ لَم يُبالِ سَخَطَ المَخلوقِينَ؛
[گزیده تحف العقول، ح265]
इमाम हादी अ.स.
जो अपने खालिक़ की इताअत करता है वह मखलूक के ग़ुस्से की फिक्र नहीं करता।
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